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बुधवार, 25 मई 2011

आज का सद़विचार '' सौन्‍दर्य की भाषा ''

आंतरिक सौन्‍दर्य का आ‍ह्वान करना कठिन काम है,
सौन्‍दर्य की अपनी भाषा होती है, ऐसी भाषा जिसमें न
शब्‍द होते हैं न आवाज...........।।

- अज्ञात

8 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसा मौन सौंदर्य आत्मा का ही हो सकता है...

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  2. सचमुच सौन्दर्य की कोई भाषा नहीं होती !

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  3. बस यह सोंदर्य और निखरता रहे ...!

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  4. बहुत खूब लिखा है आपने!

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  5. अज्ञात सौन्दर्य!!!! या सौन्दर्य परिभाषित!! खूब!!

    जवाब देंहटाएं

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