tag:blogger.com,1999:blog-6080073816502573185.post4692787369682789387..comments2023-11-05T13:52:51.182+05:30Comments on सद़विचार: आज का सद़विचार '' स्वस्थ''सदाhttp://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6080073816502573185.post-14052203252538835572011-11-25T19:39:20.778+05:302011-11-25T19:39:20.778+05:30सच यही है ....
शुभकामनायें आपको !सच यही है ....<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6080073816502573185.post-1295691071664946972011-11-25T16:10:31.216+05:302011-11-25T16:10:31.216+05:30बिलकुल सही है ..बिलकुल सही है ..रेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6080073816502573185.post-72729969778633256252011-11-25T15:49:34.148+05:302011-11-25T15:49:34.148+05:30विचारणीय विचार .....!विचारणीय विचार .....!केवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6080073816502573185.post-54111938892776688982011-11-25T15:00:24.238+05:302011-11-25T15:00:24.238+05:30बहुत सुन्दर और सटीक लिखा है आपने !बहुत सुन्दर और सटीक लिखा है आपने !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6080073816502573185.post-21395221397906074922011-11-25T11:33:52.293+05:302011-11-25T11:33:52.293+05:30राजेन्द्र जी,
आपनें बहुत ही न्यून शब्दों को शानदा...राजेन्द्र जी,<br /><br />आपनें बहुत ही न्यून शब्दों को शानदार विस्तार प्रदान किया है, आभार आपका एक विचार को सहज सरल-बोध बनाने के लिए।सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6080073816502573185.post-41574215723959458642011-11-25T11:05:15.196+05:302011-11-25T11:05:15.196+05:30मन का सुख
स्वस्थ शरीर भी नहीं दे सकता
शारीरिक सु...मन का सुख <br />स्वस्थ शरीर भी नहीं दे सकता <br />शारीरिक सुख नहीं हो तो भी <br />सब व्यर्थ लगता <br />दोनों सुख अत्यंत आवश्यक <br />अथाह धन ना ही <br />मन की शांती और चैन<br />नहीं खरीद सकता <br />ना ही शारीरिक सुख दे सकता <br />मन की शांती के लिए <br />ध्यान,आत्म अन्वेषण,आत्मचिंतन और <br />परमात्मा में विश्वास आवश्यक है <br />साथ ही निष्पक्ष,निष्कपट सत्य जीवन <br />जीना भी आवश्यक है<br />शारीरिक सुख के लिए,शरीर का ध्यान <br />रखना,नियमित व्यायाम <br />एवं सादा भोजन आवश्यक हैNirantarhttps://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.com