दरिद्र व्यक्ति कुछ वस्तुएं चाहता है,
विलासी बहुत सी और लालची
सभी वस्तुएं चाहता है ।
- अज्ञात
सोमवार, 29 नवंबर 2010
शुक्रवार, 26 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' संगीत ''
जो भारी कोलाहल में संगीत को सुन सकता है,
वह महान उपलब्धि को प्राप्त करता है ......।
- अज्ञात
वह महान उपलब्धि को प्राप्त करता है ......।
- अज्ञात
बुधवार, 24 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' डांवां डोल ''''
जीवन में कोई चीज इतनी
हानिकारक और खतरनाक नहीं
जितना डांवा डोल स्थिति में रहना ।
- सुभाष चन्द्र बोस
हानिकारक और खतरनाक नहीं
जितना डांवा डोल स्थिति में रहना ।
- सुभाष चन्द्र बोस
शनिवार, 20 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' स्वार्थी को ''''
आंख के अंधे को दुनिया नहीं दिखती,
काम के अंधे को विवेक नहीं दिखता,
मद के अंधे को अपने से श्रेष्ठ नहीं,
दिखता और स्वार्थी को कहीं भी दोष
नहीं दिखता ।
- चाणक्य
काम के अंधे को विवेक नहीं दिखता,
मद के अंधे को अपने से श्रेष्ठ नहीं,
दिखता और स्वार्थी को कहीं भी दोष
नहीं दिखता ।
- चाणक्य
गुरुवार, 18 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' मालामाल ''
मुस्कान पाने वाला मालामाल हो जाता है,
पर देने वाला दरिद्र नहीं होता ...........।
- अज्ञात
पर देने वाला दरिद्र नहीं होता ...........।
- अज्ञात
सोमवार, 15 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' विवेक ''
उड़ने की अपेक्षा जब हम झुकते हैं,
तो विवेक के अधिक निकट होते हैं ।
- अज्ञात
तो विवेक के अधिक निकट होते हैं ।
- अज्ञात
शुक्रवार, 12 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' संतोषप्रद ''
काम की समाप्ति संतोषप्रद हो तो
परिश्रम की थकान याद नहीं रहती ।
- कालिदास
परिश्रम की थकान याद नहीं रहती ।
- कालिदास
गुरुवार, 11 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' बढ़ती कीमतें ''
कुछ लोग जिसे गलती से जीवन स्तर की
बढ़ती कीमतें समझ लेते हैं, वह वास्तव में
बढ़-चढ़कर जीने की कीमते होती हैं ।
- डग लारसन
बढ़ती कीमतें समझ लेते हैं, वह वास्तव में
बढ़-चढ़कर जीने की कीमते होती हैं ।
- डग लारसन
बुधवार, 3 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' त्याग ''
धन से नहीं, संतान से भी नहीं अमृत स्थिति
की प्राप्ति केवल त्याग से ही होती है ।
- स्वामी विवेकानन्द
की प्राप्ति केवल त्याग से ही होती है ।
- स्वामी विवेकानन्द
सोमवार, 1 नवंबर 2010
आज का सद़विचार '' रंग ''
रंग में वह जादू है जो रंगने वाले,
भीगने वाले और देखने वाले तीनों
के मन को विभोर कर देता है ।
- मुक्ता
भीगने वाले और देखने वाले तीनों
के मन को विभोर कर देता है ।
- मुक्ता
सदस्यता लें
संदेश (Atom)