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मंगलवार, 29 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'धैर्य व दृढ़ता'
प्यार कभी निष्फल नहीं होता, चरित्र
कभी नहीं हारता और धैर्य व दृढ़ता से
सपने अवश्य सच हो जाते हैं ।
- पीट मेराविच
मंगलवार, 22 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'सर्वश्रेष्ठ दिन'
हर दिन मेरा सर्वश्रेष्ठ दिन है,
यह मेरी जिन्दगी है, मेरे पास
यह क्षण दुबारा नहीं होगा ।
- बर्नी सीगल
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'जिन्दगी'
जिन्दगी वैसी नहीं है जैसी आप इसके
लिये कामना करते हैं, यह तो वैसी बन
जाती है, जैसा आप इसे बनाते हैं ।
- एंथनी रयान
गुरुवार, 17 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'संयमित'
जो स्वयं संयमित व नियंत्रित है उसे,
व्यर्थ में और अधिक नियंत्रित नहीं
करना चाहिये, जो अभी अनियंत्रित है,
उसी को नियंत्रित किया जाना चाहिए ।
- अथर्ववेद
सोमवार, 14 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'ज्ञान'
यदि कोई अपने धन को ज्ञान अर्जित
करने में खर्च करता है तो उससे उस
ज्ञान को कोई नहीं छीन सकता,
ज्ञान के लिये किये गये निवेश में
हमेशा अच्छा प्रतिफल प्राप्त होता है ।
- बेंजामिन फ्रेंकलिन
गुरुवार, 10 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'प्रयत्न देवता'
प्रयत्न देवता की तरह है जबकि
भाग्य दैत्य की भांति, ऐसे में
प्रयत्न देवता की उपासना करना
ही श्रेष्ठ काम है ।
- समर्थ गुरू रामदास
मंगलवार, 8 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'सुन्दरता'
कुछ लोग चाहे जितने बूढ़े हो जाएं उनकी,
सुन्दरता नहीं मिटती, यह बस उनके
चेहरों से उतरकर उनके दिलों में
आ बसती है ।
- मार्टिन बक्सबाम
सोमवार, 7 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'ध्यान केन्द्रित'
आप जिस कार्य को कर रहे हैं, उस पर पूरे,
मनोयोग से ध्यान केन्द्रित करें। सूर्य की
किरणों से उस समय तक अग्नि प्रज्वलित
नहीं होती जब तक उन्हें केन्द्रित नहीं किया
जाता ।
- अलेक्जेंडर ग्राहम बेल
गुरुवार, 3 दिसंबर 2009
आज का सद़विचार 'जीवन'
जीवन वैसे ही बहुत छोटा है, लेकिन हम
समय की अंधाधुंध बर्बादी करके इसे और भी
छोटा कर देते हैं ।
- विक्टर ह्यूगो
बुधवार, 25 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'सीमाएं'
जीवन की उन सीमाओं को छोड़ कर,
कोई और सीमाएं नहीं हैं, जिन्हें आप
खुद तय करते हैं ।
- लेस ब्राउन
सोमवार, 23 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'सत्ता की महत्ता'
सत्ता की महत्ता तो मोहक भी बहुत
होती है, एक बार हांथ में आने पर और
कंटीली होने पर भी छोड़ी नहीं जाती
- वृंदावनलाल वर्मा
शुक्रवार, 20 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'आराधना'
आशा अमर है उसकी आराधना
कभी निष्फल नहीं होती ।
- महात्मा गांधी
गुरुवार, 19 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'हस्ती'
जब कोई प्रतिभाशाली हस्ती इस संसार
में आती है तो उसे इस लक्षण से पहचाना
जा सकता है तमाम मूर्ख उसके खिलाफ
उठकर खड़े हो जाते हैं ।
- स्विफ्ट
मंगलवार, 17 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'मानवता'
मानवता प्रकाश की वह नदी है जो
सीमित से असीम की ओर बहती है ।
- खलील जिब्रान
शुक्रवार, 13 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'इच्छा रूपी समुद्र'
इच्छा रूपी समुद्र सदा अतृप्त रहता है
उसकी मांगे ज्यों-ज्यों पूरी की जाती हैं,
त्यों-त्यों और गर्जन करता है ।
- स्वामी विवेकानन्द
बुधवार, 11 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'सत्ता'
शरीर-बल से प्राप्त सत्ता मानव देह की,
तरह क्षणभंगुर रहेगी, जबकि आत्मबल
से प्राप्त सत्ता अजर-अमर ।
- महात्मा गांधी
सोमवार, 9 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'हिंसा'
मन ज्यों-ज्यों हिंसा से दूर हटता है,
त्यों-त्यों दुख शांत हो जाता है ।
- महात्मा बुद्ध
शनिवार, 7 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'सत्य'
सत्य से सूर्य तपता है, सत्य से आग
जलती है,सत्य से वायु बहती है
सब कुछ सत्य में ही प्रतिष्ठित है ।
- वेदव्यास
गुरुवार, 5 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'आंतरिक दुर्बलता'
व्यक्ति को हानि, पीड़ा और चिंताएं,
उसकी किसी आंतरिक दुर्बलता के
कारण होती है, उस दुर्बलता को दूर
करके कामयाबी मिल सकती है ।
- स्वामी रामतीर्थ
मंगलवार, 3 नवंबर 2009
आज का सद़विचार 'फरियाद'
बल की शिकायतें सब सुनते हैं,
निर्बल की फरियाद कोई नहीं
सुनता ।
- प्रेमचन्द
शनिवार, 31 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'आत्मदर्शन'
जो कला आत्मा को आत्मदर्शन
की शिक्षा नहीं देती, वह कला
नहीं है ।
- महात्मा गांधी
शुक्रवार, 30 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'क्रोध की अवस्था'
जिस तरह उबलते हुए पानी में हम अपना,
प्रतिबिम्ब नहीं देख सकते उसी तरह क्रोध
की अवस्था में यह नहीं समझ पाते कि
हमारी भलाई किस बात में है ।
- महात्मा बुद्ध
बुधवार, 28 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'पूर्णता'
न रगड़ के बिना रत्न पर पालिश होती है,
न कठिनाइयों के बिना मानव में पूर्णता
आती है ।
- लाओत्सेज
मंगलवार, 27 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'गरीब'
गरीब वह नहीं जिसके पास कम है,
बल्कि धनवान होते हुए भी जिसकी
इच्छा कम नहीं हुई है, वह सबसे
अधिक गरीब है ।
- विनोबा भावे
सोमवार, 26 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'वस्तु चिंतन'
जो अप्राप्त वस्तु के लिए चिंता नहीं करता और
प्राप्त वस्तु के लिए सम रहता है, वह संतुष्ट
कहा जा सकता है ।
- महोपनिषद
शनिवार, 24 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'आत्मसंयम'
आत्मसंयम, अनुशासन और
बलिदान के बिना राहत या
मुक्ति की आशा नहीं की
जा सकती ।
- महात्मा गांधी
शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'शुद्ध'
जल से शरीर शुद्ध होता है, मन से सत्य शुद्ध होता है,
विद्या और तप से भूतात्मा तथा ज्ञान से बुद्धि शुद्ध होती है ।
- मनुस्मृति
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'शेष'
शेष ऋण, शेष अग्नि, तथा शेष रोग पुन: पुन: बढ़ते हैं,
अत: इन्हें शेष नहीं छोड़ना चाहिये ।
- अज्ञात
बुधवार, 21 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार ' ताकतवर'
ताकतवर होने के लिए अपनी शक्ति में
भरोसा रखना जरूरी है, वैसे व्यक्तियों से
अधिक कमजोर कोई नहीं होता जिन्हें
अपने सामर्थ्य पर भरोसा नहीं ।
- स्वामी दयानंद सरस्वती
मंगलवार, 20 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'मूर्ख पर विजय'
मूर्खों से बहस करके कोई भी व्यक्ति,
बु्द्धिमान नहीं कहला सकता, मूर्ख पर
विजय पाने का एकमात्र उपाय यही है
कि उसकी ओर ध्यान नहीं दिया जाए ।
- संत ज्ञानेश्वर
गुरुवार, 15 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'लोभी'
लोभी को पूरा संसार मिल जाए तो भी वह,
भूखा रहता है, लेकिन संतोषी का पेट,
एक रोटी से ही भर जाता है ।
- शेख सादी
मंगलवार, 13 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'सम्मान'
दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है,
वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है ।
- प्रेमचन्द
गुरुवार, 8 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'दरिद्रता'
दरिद्रता सब पापों की जननी है,
तथा लोभ उसकी सबसे
बड़ी संतान है ।
- जयशंकर प्रसाद
मंगलवार, 6 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'पवित्रता'
काहिली और मन की पवित्रता,
एक साथ नहीं रह सकतीं ।
- महात्मा गांधी
गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009
आज का सद़विचार 'सच्चा व्यवहार'
यदि आप चाहते हैं कि लोग आपके
साथ सच्चा व्यवहार करें तो आप
खुद सच्चे बनें और अन्य लोगों से
भी सच्चा व्यवहार करें ।
- महर्षि अरविन्द
मंगलवार, 29 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'अशिक्षित'
अशिक्षित रहने से पैदा न होना अच्छा है,
क्योंकि अज्ञान सब बुराईयों का मूल हैं ।
- नेपोलियन बोनापार्ट
शनिवार, 26 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'परोपकार'
सज्जन लोग स्वभाव से ही,
स्वार्थ सिद्धि में आलसी और,
परोपकार में दक्ष होते हैं ।
- भास
गुरुवार, 24 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'पहचान'
गुणों से ही मानव की पहचान होती है,
ऊंचे सिंहासन पर बैठने से नहीं । महल
के उच्च शिखर पर बैठने के बावजूद
कौवे का गरूड़ होना असंभव है ।
- चाणक्य
मंगलवार, 22 सितंबर 2009
आज का सद़विचार ' समानता '
समानता ही आजादी की
आत्मा है, अगर समानता ही
न हो तो आजादी निरर्थक है ।
- फ्रांसिस राईट
शुक्रवार, 18 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'सन्यास'
सन्यास हृदय की एक दशा का नाम है,
किसी ऊपरी नियम या वेशभूषा का नहीं ।
- श्रीमद् भगवदगीता
बुधवार, 16 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'इच्छा'
इच्छा से दुख आता है, इच्छा से भय,
आता है, जो इच्छाओं से मुक्त है वह
न दुख जानता है न भय ।
- महात्मा गांधी
मंगलवार, 15 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'हंसी'
हंसी मन की गांठे बड़ी आसानी
से खोल देती है मेरे मन की भी
और तुम्हारे मन की भी ।
- महात्मा गांधी
सोमवार, 14 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'बुरा व्यक्ति'
बुरा व्यक्ति उस समय और भी
बुरा हो जाता है जब वह अच्छा
होने का ढोंग करता है ।
- फ्रांसिस बेकन
गुरुवार, 10 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'विष-वृक्ष'
उस मनुष्य की सम्पत्ति, जिसे लोग
प्यार नहीं करते हैं, गांव के बीचों-
बीच किसी विष-वृक्ष के फलने के
समान है ।
- तिरूवल्लुवर
बुधवार, 9 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'अमल'
जो नए सुधारों पर अमल नहीं,
करेगा वह नए खतरों को
न्यौता देगा ।
- फ्रांसिस बेकन
सोमवार, 7 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'शिक्षा'
शिक्षा की जड़े भले ही कड़वी हों,
इसके फल मीठे होते हैं ।
- अरस्तू
शनिवार, 5 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'चरित्र'
चरित्र वृक्ष के समान है तो प्रतिष्ठा,
उसकी छाया है। हम अक्सर छाया के,
बारे में सोचते हैं, जबकि असल,
चीज तो वृक्ष ही है।
- अब्राहम लिंकन
गुरुवार, 3 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'मनुष्यता'
मनुष्यता का एक पक्ष वह भी है,
जहां वर्ण, धर्म और देश को
भूलकर मनुष्य, मनुष्य के लिए
प्यार करता हैं ।
- जयशंकर प्रसाद
बुधवार, 2 सितंबर 2009
आज का सद़विचार 'अनपढ़'
जो पढ़ता नहीं है, वह उस
व्यक्ति से कतई बेहतर
नहीं है जो अनपढ़ है ।
- मार्क ट्वेन
सोमवार, 31 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'सदा धनी '
अधिक धन सम्पन्न होने पर भी जो असंतुष्ट रहता है,
वह निर्धन है, धन से रहित होने पर भी जो संतुष्ट है
वह सदा धनी है ।
- अश्वघोष
शुक्रवार, 28 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'सही रास्ता'
श्रेष्ठतम मार्ग खोजने की प्रतीक्षा के बजाय,
हम गलत रास्ते से बचते रहें और बेहतर
रास्ते को अपनाते रहें ।
- पं. जवाहर लाल नेहरू
मंगलवार, 25 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'अवसर'
सही अवसर न मिलने पर क्षमता के,
मायने बेहद सीमित हो जाते हैं ।
- नेपोलियन
सोमवार, 24 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'अवगुण''
अवगुण नाव की पेंदी में एक छेद के समान है,
जो चाहे छोटा हो या बड़ा एक दिन उसे डुबा दे्गा ।
- कालिदास
शनिवार, 22 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'प्रेम'
प्रेम संयम और तप से उत्पन्न होता है,
भक्ति साधना से प्राप्त होती है, श्रद्धा के
लिए अभ्यास और निष्ठा की
जरूरत होती है ।
- हजारी प्रसाद द्विवेदी
गुरुवार, 20 अगस्त 2009
आज का सद़विचार
शत्रु का लोहा भले ही गर्म हो जाए,
पर हथौड़ा तो ठंडा रहकर ही काम,
दे सकता है ।
- सरदार पटेल
सोमवार, 17 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'भलाई''
अगर तुम किसी की भलाई करते हो तो,
इह और पर दोनो लोकों में तुम्हारी,
भलाई होती है ।
- तिकन्ना
गुरुवार, 13 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'अन्याय''
अन्याय और अत्याचार करने वाला,
उतना दोषी नहीं माना जा सकता,
जितना कि उसे सहन करने वाला ।
- बाल गंगाधर तिलक
बुधवार, 12 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'क्रोध''
क्रोध से शुरू होने वाली हर बात,
लज्जा पर समाप्त होती है ।
- बेंजामिन फ्रेंकलिन
मंगलवार, 11 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'गुण'
सुन्दर दिखने के लिये भड़कीले,
कपड़े पहनने की बजाय अपने,
गुणों को बढ़ाना चाहिए ।
- महात्मा गांधी
सोमवार, 10 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'स्नेह'
संसार के सारे नाते स्नेह के नाते हैं,
जहां स्नेह नहीं वहां कुछ नहीं है ।
- प्रेमचन्द
शुक्रवार, 7 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'आलस्य'
आलस्य में दरिद्रता बसती है, लेकिन जो,
व्यक्ति आलस्य नहीं करते उनकी मेहनत
में लक्ष्मी का निवास होता है ।
- तिरूवल्लुर
गुरुवार, 6 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'तीन चीजें'
दुनिया में तीन चीजें कभी लम्बे
समय तक छिपी नहीं रह सकती,
पहली है सूर्य, दूसरी चन्द्रमा
और तीसरी है सत्य ।
- गौतम बुद्ध
मंगलवार, 4 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'पढ़ने का शौक'
जिसे पुस्तकें पढ़ने का शौक है, वह
सब जगह सुखी रह सकता है ।
- महात्मा गांधी
सोमवार, 3 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'अवसर'
बुद्धिमान व्यक्ति को जितने,
अवसर
मिलते हैं उससे
अधिक वह स्वयं बनाता है ।
- फ्रांसिस बेकन
शनिवार, 1 अगस्त 2009
आज का सद़विचार 'अवगुण'
जब तक तुम्हारें अन्दर दूसरों के,
अवगुण ढुंढने या उनके दोष देखने,
की आदत मौजूद है ईश्वर का साक्षात,
करना अत्यंत कठिन है ।
- स्वामी रामतीर्थ
शुक्रवार, 31 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'धनी'
अधिक धन- सम्पन्न होने पर भी जो असंतुष्ट रहता है,
वह निर्धन है, धन से रहित होने पर भी जो संतुष्ट है,
वह सदा धनी है ।
- अश्वघोष
गुरुवार, 30 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'राग-द्वेष'
जिसके मन में राग-द्वेष नहीं है और जो तृष्णा को,
त्याग कर शील तथा संतोष को ग्रहण किए हुए है,
वह संत पुरूष जगत के लिए जहाज है।
बुधवार, 29 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'क्रोध''
क्रोध बुद्धि को घर से बाहर,
निकाल देता है और दरवाजे पर,
चटकनी लगा देता है ।
- प्लूटार्क
मंगलवार, 28 जुलाई 2009
आज का सद़विचार ' सच'
सच बोलने का सबसे बड़ा फायदा यह,
है कि आपको यह याद नहीं रखना,
पड़ता की किससे क्या कहा था ।
- राबर्ट बेंसन
सोमवार, 27 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'श्रम'
जिस श्रम से हमें आनन्द प्राप्त होता है,
वह हमारी व्याधियों के लिए अमृत,
तुल्य है, हमारी वेदना की निवृत्ित है ।
- शेक्सपीयर
शनिवार, 25 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'सुख'
दुनियावी चीजों में सुख की तलाश,
फिजूल होती है। आनन्द का खजाना,
तो कहीं हमारे भीतर ही है।
- स्वामी रामतीर्थ
शुक्रवार, 24 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'कृतज्ञता'
किसी कृतज्ञता को तत्काल चुकाने,
का प्रयत्न करना एक प्रकार की,
कृतज्ञता ही है।
- अज्ञात
बुधवार, 22 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'मौन'
मौन सर्वोत्तम भाषण है, अगर बोलना,
जरूरी हो तो भी कम से कम बोलो,
एक शब्द से काम चले तो दो नहीं ।
- महात्मा गांधी
सोमवार, 20 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'आदर्श'
आदर्श को पकड़ने के लिए सहस्त्र बार,
आगे बढ़ों और यदि फिर भी असफल,
हो जाओ तो एकबार नया प्रयास,
अवश्य करो ।
- स्वामी विवेकानन्द
शनिवार, 18 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'शत्रु'
जो शत्रु तुम पर आक्रमण करता है,
उससे मत डरो, उन मित्रों से डरो,
जो तुम्हारी चापलूसी करते हैं।
- जनरल ओवगोन
शुक्रवार, 17 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'बुराई'
हर वर्ष एक बुरी आदत को मूल से खोदकर,
फेंका जाए तो कुछ ही वर्षों में बुरे से बुरा,
व्यक्ति भला हो सकता है।
- सुकरात
गुरुवार, 16 जुलाई 2009
आज का सद़विचार ' आशा'
आशा और आत्मविश्वास से ही हमारी,
शक्तियां जागृत होती हैं, इनसे हमारी,
उत्पादन शक्ति कई गुना बढ़ जाती है ।
- स्वेट मार्डेन
बुधवार, 15 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'भलाई-बुराई'
भलाई से बढ़कर जीवन और,
बुराई से बढ़कर मृत्यु नहीं है ।
- आदिभट्ल नारायण दासु
सोमवार, 13 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'योग्यता'
बिना उचित अवसर के योग्यता किसी काम की,
नहीं है भले आप में लाख गुण हों लेकिन यदि,
अवसर नहीं मिला तो योग्यता व्यर्थ है।
- नेपोलियन बोनापार्ट
शुक्रवार, 10 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'स्वप्न'
लक्ष्य को ही अपना जीवन कार्य समझो हर,
समय उसका चिंतन करो उसी का स्वप्न,
देखो और उसी के सहारे जीवित रहो ।
- स्वामी विवेकानन्द
गुरुवार, 9 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'लक्ष्मी'
लक्ष्मी शुभ कार्य से उत्पन्न होती है,
चतुरता से बढ़ती है, अत्यन्त निपुणता से,
जड़े जमाती है और संयम से स्थिर रहती है।
- महाभारत
बुधवार, 8 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'विद्या '
मनुंष्य का सच्चा जीवन साथी विद्या ही है,
जिसके कारण वह विद्वान कहलाता है ।
- स्वामी दयानन्द
मंगलवार, 7 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'दोष'
जिन दोषों को हम दूसरों में देखते हैं,
उन्हें अपने में न रहने दें इसका सदा
ध्यान रखना चाहिए ।
- मोनेंडर
सोमवार, 6 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'धैर्य '
धैर्यवान व्यक्ति ही समय पर विजय पाता है
और असंयमी व्यक्ति अपने स्वभाव के
कारण सब कुछ खो देता है ।
- अज्ञात
शनिवार, 4 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'मन'
मन इच्छाओं की गठरी है, जब तक
इच्छाओं को उखाड़कर नहीं फेंका
जाएगा, तब तक मन को नष्ट
करने की आशा व्यर्थ होगी ।
- श्री सत्यसाईं
बुधवार, 1 जुलाई 2009
आज का सद़विचार 'विधि'
धर्म जीवन को परमात्मा में जीने की विधि है,
संसार में ऐसे जिया जा सकता है जैसे,
कमल सरोवर के कीचड़ में जीते हैं ।
- आचार्य रजनीश
मंगलवार, 30 जून 2009
आज का सद़विचार 'विचार'
ईर्ष्या या घृणा के के विचार मन में प्रवेश
होते ही खुशी गायब हो जाती है, प्रेम व
शुभ-भावना युक्त विचारों से उदासी
दूर हो जाती है ।
- अज्ञात
सोमवार, 29 जून 2009
आज का सद़विचार 'आगे देखो'
पीछे मत देखो आगे देखो, अनंत उर्जा,
अनंत उत्साह, अनंत साहस और
अनंत धैर्य तभी महान कार्य,
किये जा सकते हैं ।
- विवेकानन्द
शनिवार, 27 जून 2009
आज का सद़विचार 'लक्ष्य'
अपने सामने एक ही साध्य रखना चाहिए,
जब तक वह सिद्ध न हो तब तक उसी की,
धुन में मगन रहो, तभी सफलता मिलती है ।
- स्वामी विवेकानन्द
शुक्रवार, 26 जून 2009
आज का सद़विचार 'कर्म'
केवल कर्महीन ही ऐसे होते हैं, जो
सदा भाग्य को कोसते हैं और जिनके,
पास शिकायतों का अंबार होता है ।
- जवाहर लाल नेहरू
गुरुवार, 25 जून 2009
आज का सद़विचार 'संभालना इन्हें'
कांच का कटोरा, नेत्रों का जन, मोती और मन यह,
एक बार टूटने पर पहले जैसी स्थिति नहीं होती,
अत: पहले से ही सावधानी बरतनी चाहिए ।
- लोकोक्ति
बुधवार, 24 जून 2009
आज का सद़विचार 'जीवन'
जिसके जीने से बहुत से लोग जीवित रहें,
वहीं इस संसार में वास्तव में जीता है ।
- विष्णु शर्मा
सोमवार, 22 जून 2009
आज का सद़विचार
जिस प्रकार काठ अपने ही भीतर से प्रकट
हुई अग्नि से भस्म होकर खत्म हो जाता है,
उसी प्रकार मनुष्य अपने ही भीतर रहने वाली
तृष्णा से नष्ट हो जाता है ।
- बाणभट्ट
शनिवार, 20 जून 2009
आज का सद़विचार
जिन्दगी हमारे साथ खेल खेलती है, जो इसे
खेल नहीं मानते, वे ही एक दूसरे की
शिकायत व आलोचना करते हैं ।
- जैनेंद्र कुमार
मंगलवार, 2 जून 2009
आज का सद़विचार
जितनी हम दूसरों की भलाई करते हैं,
उतना ही हमारा ह़दय शुद्ध होता है
और उसमें ईश्वर निवास करता है ।
- विवेकानन्द
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