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सोमवार, 7 जून 2010
आज का सद़विचार 'चुगलखोरी'
नेकी से विमुख हो जाना और बदी,
करना नि:संदेह बुरा है, मगर सामने
हंस कर बोलना और पीछे चुगलखोरी
करना उससे भी बुरा है ।
संत तिरूवल्लुवर
1 टिप्पणी:
Apanatva
18 जून 2010 को 8:18 pm बजे
so true .
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so true .
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