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बुधवार, 13 अप्रैल 2011

आज का सद़विचार '' बिना ग्रंथ के ''

बिना ग्रंथ के ईश्वर मौन है,
न्याय निद्रित है, विज्ञान स्तब् है
और सभी वस्तुएं पूर्ण अंधकार में हैं ...।।
‍‍‍‍‍

- मुक्‍ता

3 टिप्‍पणियां:

  1. सर्वांग सहमत!! ग्रंथ की प्रासंगिकता रेखांकित हुई!! गीतार्थ दृष्टिकोण!!

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  2. ईश्वर मौन में ही मुखर होता है ! उसके सम्बंध में ग्रंथ की महत्ता एक सीमा तक ही है, विज्ञानं के लिये जरूरी हो सकता है !

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यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'