बिल्कुल सही बात है,पहले भी पढी है,लेकिन आज भी पढ्कर आनन्द ही आया,मैं कम से कम १०० पृष्ट रोज पढता हूं लगभग ४५ साल से पुस्तक से सरल मित्र हो ही नहीं सकता, आज आपके ब्लाग्स पर आया सभी ब्लाग सार्थक हैं बधाई मेरी रचनाओं को युग्म व मेरे ब्लाग्स पर कबूलने हेतु आभार श्याम सखा
बिल्कुल सही बात है,पहले भी पढी है,लेकिन आज भी पढ्कर आनन्द ही आया,मैं कम से कम १०० पृष्ट रोज पढता हूं लगभग ४५ साल से
जवाब देंहटाएंपुस्तक से सरल मित्र हो ही नहीं सकता,
आज आपके ब्लाग्स पर आया सभी ब्लाग सार्थक हैं बधाई
मेरी रचनाओं को युग्म व मेरे ब्लाग्स पर कबूलने हेतु आभार
श्याम सखा