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गुरुवार, 13 अगस्त 2009

आज का सद़विचार 'अन्‍याय''

अन्‍याय और अत्‍याचार करने वाला,
उतना दोषी नहीं माना जा सकता,
जितना कि उसे सहन करने वाला ।


- बाल गंगाधर तिलक

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