सत्य वचन,आज हम अपने सम्मान के लिए तो लगता है, जैसे कर्म करना ही भूल गए, तेज़ भागती दुनिया में अफ़सोस की अपने लिए भी समय नहीं, क्या इसे तरक्की कहेंगे ......................चन्द्र मोहन गुप्तजयपुरwww.cmgupta.blogspot.com
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सत्य वचन,
जवाब देंहटाएंआज हम अपने सम्मान के लिए तो लगता है, जैसे कर्म करना ही भूल गए, तेज़ भागती दुनिया में अफ़सोस की अपने लिए भी समय नहीं, क्या इसे तरक्की कहेंगे ......................
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
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