सज्जन पुरूष बिना कहे ही दूसरों की,
आशा पूरी कर देते हैं, जैसे सूर्य स्वयं ही
घर-घर में प्रकाश फैला देता है ।
- कालिदास
बहुत ही बढ़िया विचार है....इसे पढ़कर अपनी राय दे :-(आपने कभी सोचा है की यंत्र क्या होता है ....?)http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_13.html
बहुत गहरी और बड़ी बात और उतने ही कम शब्द बड़ी संयत भाषा
राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है। मैं दुनिया की सब भाषाओं की इज़्ज़त करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिन्दी की इज़्ज़त न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे भारतेंदु और द्विवेदी ने हिन्दी की जड़ें पताल तक पहुँचा दी हैं। उन्हें उखाड़ने का दुस्साहस निश्चय ही भूकंप समान होगा। - शिवपूजन सहाय हिंदी और अर्थव्यवस्था-2, राजभाषा हिन्दी पर अरुण राय की प्रस्तुति, पधारें
बहुत ही सुन्दर विचार है....
बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है। अलाउद्दीन के शासनकाल में सस्ता भारत-१, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें
यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'
बहुत ही बढ़िया विचार है....
जवाब देंहटाएंइसे पढ़कर अपनी राय दे :-
(आपने कभी सोचा है की यंत्र क्या होता है ....?)
http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_13.html
बहुत गहरी और बड़ी बात और उतने ही कम शब्द बड़ी संयत भाषा
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंमैं दुनिया की सब भाषाओं की इज़्ज़त करता हूँ, परन्तु मेरे देश में हिन्दी की इज़्ज़त न हो, यह मैं नहीं सह सकता। - विनोबा भावे
भारतेंदु और द्विवेदी ने हिन्दी की जड़ें पताल तक पहुँचा दी हैं। उन्हें उखाड़ने का दुस्साहस निश्चय ही भूकंप समान होगा। - शिवपूजन सहाय
हिंदी और अर्थव्यवस्था-2, राजभाषा हिन्दी पर अरुण राय की प्रस्तुति, पधारें
बहुत ही सुन्दर विचार है....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
जवाब देंहटाएंअलाउद्दीन के शासनकाल में सस्ता भारत-१, राजभाषा हिन्दी पर मनोज कुमार की प्रस्तुति, पधारें