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धर्म ऊंचे आसनों पर बैठ, सारे ताम झाम के साथ वो बताते है धर्म क्या है ? मेरे खुदा ने इतना ही बताया बन्दों से प्यार करो , खुशियों मैं साथ रहो, दर्द का हिस्सा बनो, यही धर्म है यही धर्म है
बहुत सुन्दर और अनुकरणीय विचार हैं ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर विचार!
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......
जवाब देंहटाएंsundar vichar...
जवाब देंहटाएंधर्म
जवाब देंहटाएंऊंचे आसनों पर बैठ,
सारे ताम झाम के साथ
वो बताते है
धर्म क्या है ?
मेरे खुदा ने
इतना ही बताया
बन्दों से प्यार करो ,
खुशियों मैं साथ रहो,
दर्द का हिस्सा बनो,
यही धर्म है
यही धर्म है
09-08-2010
solah aane sach vichar.
जवाब देंहटाएंAabhar
कर्मकांड धर्म का अंग नहीं है। कर्तव्यरत रहना ही धर्म है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर।