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शुक्रवार, 31 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' मीठा फल ''

संतोष का वृक्ष कड़वा है ,
लेकिन इस पर लगने
वाला फल मीठा होता है ।

- स्‍वामी शिवानन्‍द

गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' शुभ अवसर ''

अच्‍छे कार्य करने के लिये किसी शुभ,
अवसर की राह मत देखो, बल्कि छोटे-
छोटे अवसरों से ही लाभ उठाओ ......।

- रिशर

मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' शांति ''

इस संसार में सबसे सुखी वही
व्‍यक्ति है जो अपने घर में शांति
पाता है .........।


- गेटे

सोमवार, 27 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' सत्‍याग्रह ''

सत्‍याग्रह बल प्रयोग के विपरीत होता है,
हिंसा के सम्‍पूर्ण त्‍याग में ही सत्‍याग्रह
की कल्‍पना की गई है ......।

- महात्‍मा गांधी

शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' कुल की प्रतिष्‍ठा ''

कुल की प्रतिष्‍ठा भी विनम्रता
और सद्व्‍यवहार से होती है,
हेकड़ी और रूआब दिखाने से नहीं ।


- प्रेमचन्‍द

गुरुवार, 23 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' वाणी ''

जो सबके दिल को खुश कर देने वाली
वाणी
बोलता है, उसके पास दरिद्रता
कभी नहीं फटक सकती ....।

- तिरूवल्‍लुवर

बुधवार, 22 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' अज्ञानी ''

अज्ञानी रहने से जन्‍म नहीं लेना
अच्‍छा है, क्‍योंकि अज्ञान सब दुखों
की जड़ है .....।


- प्‍लेटो

शनिवार, 18 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' संयम की भूमि ''

जीवन की जड़ संयम की भूमि में
जितनी गहरी जमती है और
सदाचार का जितना जल दिया
जाता है उतना ही जीवन हरा भरा
होता है ..........।

- दीनानाथ दिनेश

गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' मर्यादा ''

जिस बंदे को पेट भर रोटी
नहीं मिलती, उसके लिए
मर्यादा और इज्‍जत ढोंग है ।

- प्रेमचंद

सोमवार, 13 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' अहंकार ''

हम दूसरों का अहंकार इसलिए सहन
नहीं कर पाते क्‍योंकि उससे हमारा
अपना अहंकार आहत होता है ....।


- ला रोशफूको

गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' अपनी कमाई ''

बीस वर्ष की आयु में व्‍यक्ति का चेहरा
प्रकृति की देन है, तीस वर्ष की आयु का
चेहरा जिन्‍दगी के उतार-चढ़ाव की देन है,
लेकिन पचास वर्ष वर्ष की आयु का चेहरा
उसकी अपनी कमाई है ......।

- अष्‍टावक्र

बुधवार, 8 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' मधुर स्‍त्रोत ''

पाषाण के भीतर भी मधुर स्‍त्रोत होते हैं,
उसमें मदिरा नहीं शीतल जल की धारा
बहती है ....।

- जयशंकर प्रसाद

सोमवार, 6 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' मित्र ''

मिलने पर मित्र का आदर करो,
पीठ पीछे प्रशंसा करो और
आवश्‍यकता के समय उसकी
मदद करो ।

- अज्ञात

शनिवार, 4 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार पुस्‍तकें .....

जो पुस्‍तकें सबसे अधिक सोचने के
लिए मजबूर करती हैं, वही तुम्‍हारी
सबसे बड़ी सहायक हैं .......।


- जवाहरलाल नेहरू

गुरुवार, 2 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' कलंक ''

चन्‍द्रमा अपना प्रकाश सम्‍पूर्ण
आकाश में फैलाता है परन्‍तु
अपना कलंक अपने ही पास रखता है


- रवीन्‍द्र

बुधवार, 1 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' साहस ''

मानव के सभी गुणों में साहस
पहला गुण है, क्‍योंकि वह सभी
गुणों की जिम्‍मेदारी लेता है ।

- चर्चिल

सोमवार, 29 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' लालची ''

दरिद्र व्‍यक्ति कुछ वस्‍तुएं चाहता है,
विलासी बहुत सी और लालची
सभी वस्‍तुएं चाहता है ।

- अज्ञात

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' संगीत ''

जो भारी कोलाहल में संगीत को सुन सकता है,
वह महान उपलब्धि को प्राप्‍त करता है ......।


- अज्ञात

बुधवार, 24 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' डांवां डोल ''''

जीवन में कोई चीज इतनी
हानिकारक और खतरनाक नहीं
जितना डांवा डोल स्थिति में रहना ।


- सुभाष चन्‍द्र बोस

शनिवार, 20 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' स्‍वार्थी को ''''

आंख के अंधे को दुनिया नहीं दिखती,
काम के अंधे को विवेक नहीं दिखता,
मद के अंधे को अपने से श्रेष्‍ठ नहीं,
दिखता और स्‍वार्थी को कहीं भी दोष
नहीं दिखता ।

- चाणक्‍य

गुरुवार, 18 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' मालामाल ''

मुस्‍कान पाने वाला मालामाल हो जाता है,
पर देने वाला दरिद्र नहीं होता ...........।


- अज्ञात

सोमवार, 15 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' विवेक ''

उड़ने की अपेक्षा जब हम झुकते हैं,
तो विवेक के अधिक निकट होते हैं ।


- अज्ञात

शुक्रवार, 12 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' संतोषप्रद ''

काम की समाप्ति संतोषप्रद हो तो
परिश्रम की थकान याद नहीं रहती ।


- कालिदास

गुरुवार, 11 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' बढ़ती कीमतें ''

कुछ लोग जिसे गलती से जीवन स्‍तर की
बढ़ती कीमतें समझ लेते हैं, वह वास्‍तव में
बढ़-चढ़कर जीने की कीमते होती हैं


- डग लारसन

बुधवार, 3 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' त्‍याग ''

धन से नहीं, संतान से भी नहीं अमृत स्थिति
की प्राप्ति केवल त्‍याग से ही होती है ।

- स्‍वामी विवेकानन्‍द

सोमवार, 1 नवंबर 2010

आज का सद़विचार '' रंग ''

रंग में वह जादू है जो रंगने वाले,
भीगने वाले और देखने वाले तीनों
के मन को विभोर कर देता है ।


- मुक्‍ता

गुरुवार, 28 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार ''संगीत का स्‍पंदन ''

जिस व्‍यक्ति के हृदय में संगीत का स्‍पंदन
नहीं है वह व्‍यक्ति कर्म और चिंतन द्वारा
कभी महान नहीं बन सकता


- सुभाष चन्‍द्र बोस

सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' सच्‍चा त्‍याग ''

जिस त्‍याग से अभिमान उत्‍पन्‍न होता है,
वह त्‍याग नहीं, त्‍याग से शांति मिलनी
चाहिए, अंतत: अभिमान का त्‍याग ही
सच्‍चा त्‍याग है ।


- विनोबा भावे

मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' बच्‍चे ''

बच्‍चे कोरे कपड़े की तरह होते हैं,
जैसा चाहो वैसा रंग लो उन्‍हें निश्चित
रंग में केवल डुबो देना पर्याप्‍त है ।


- सत्‍यसाईं बाबा

गुरुवार, 14 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' धैर्यवान ''

धैर्यवान मनुष्‍य आत्‍मविश्‍वास की नौका
पर सवार होकर आपत्ति की नदियों को
सफलतापूर्वक पार कर सकते हैं ।


- भर्तृहरि

मंगलवार, 12 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' विजय ''''

विजय गर्व और प्रतिष्‍ठा कि साथ आती है पर
यदि उसकी रक्षा पौरूष के साथ न की जाय तो
अपमान का जहर पिला कर चली जाती है ।


- मुक्‍ता

सोमवार, 11 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' जीवन ''

खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है,
जीवन नाम है, आगे बढ़ते रहने की
लगन का ।

- मुंशी प्रेमचंद

शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' अच्‍छे गुण ''

धन से अच्‍छे गुण नहीं मिलते,
धन अच्‍छे गुणों से मिलता है ।

- सुकरात

गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' प्रत्‍येक कार्य ''

प्रत्‍येक कार्य अपने समय से होता है,
उसमें उतावली ठीक नहीं, जैसे पेड़ में
कितना ही पानी डाला जाये पर फल
वह अपने समय से ही देता है ।


- वृंद

बुधवार, 6 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' अध्‍ययन ''

आज अध्‍ययन करना सब जानते हैं,
पर क्‍या अध्‍ययन करना चाहिए यह
कोई नहीं जानता ।


- जार्ज बर्नाड शॉ

सोमवार, 4 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' उत्‍तमता ''

उत्‍तमता गुणों से आती है, ऊंचे आसन पर
बैठ जाने से नहीं, महल के शिखर पर बैठने
से कौआ गरूड़ नहीं हो जाता ।


- चाणक्‍य नीति

शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2010

आज का सद़विचार '' ईश्‍वर एक है ''

जाति, धर्म अलग-अलग हो सकते हैं,
और इबादत करने के तरीके भी भिन्‍न
हो सकते हैं, लेकिन ईश्‍वर एक है ।

- अज्ञात

मंगलवार, 28 सितंबर 2010

आज का सद़विचार '' क्षमाशील ''

सबसे ज्‍यादा बहादुर लोग ही बेहद,
क्षमाशील तथा झगड़ों को टालने की
कोशिश करने वाले होते हैं ।

- थैकरे

शुक्रवार, 24 सितंबर 2010

आज का सद़विचार '' आशा ''

ऐसे देश को छोड़ देना चाहिए जहां,
न आदर है, न जीविका, न मित्र, न
परिवार और न ही ज्ञान की आशा ।


- विनोबा

गुरुवार, 23 सितंबर 2010

आज का सद़विचार '' मेहनत के बिना ''

कड़ी मेहनत के बिना सफलता का प्रयास करना,
तो ऐसा है जैसे आप वहां से फसल काटने की
कोशिश कर रहे हों, जहां आपने फसल बोई ही नहीं है ।


- डेविड ब्‍लाए

बुधवार, 22 सितंबर 2010

आज का सद़विचार '' परोपकारी ''

परोपकारी अपने कष्‍ट को नहीं देखता,
क्‍योंकि वह परकष्‍ट जनित करूणा
से ओत-प्रोत होता है ।

- संत तुकाराम

सोमवार, 20 सितंबर 2010

आज का सद़विचार '' मन का गुलाम ''

जो मनुष्‍य अपने मन का गुलाम
बना रहता है वह कभी नेता और
प्रभावशाली पुरूष नहीं हो सकता ।

- स्‍वेट मार्डन

शनिवार, 18 सितंबर 2010

आज का सद़विचार ''व्‍यवसाय''

प्रत्‍येक व्‍यक्ति के लिये यह याद रखना बेहतर,

होगा कि सभी सफल व्‍यवसाय नैतिकता

की नींव पर आधारित होते हैं ।

- हैनरी वार्ड बीचर

बुधवार, 15 सितंबर 2010

आज का सद़विचार ''भरोसा''

इस संसार में जो अपने आप पर,
भरोसा नहीं करता वह नास्तिक है ।

- स्‍वामी विवेकानन्‍द

सोमवार, 13 सितंबर 2010

आज का सद़विचार 'सूर्य'

सज्‍जन पुरूष बिना कहे ही दूसरों की,

आशा पूरी कर देते हैं, जैसे सूर्य स्‍वयं ही

घर-घर में प्रकाश फैला देता है ।

- का‍लिदास

शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

आज का सद़विचार ' अहम हिस्‍सा '

धन को बरबाद करे तो आप केवल निर्धन,
होते हैं लेकिन समय को बरबाद करते हैं तो
आप जीवन का एक अहम हिस्‍सा गवां देते हैं ।

- मिशेल लेबोएफ

सोमवार, 6 सितंबर 2010

आज का सद़विचार ' गलत न करें '

सभी से प्रेम करें, कुछ पर विश्‍वास करें,
और किसी के साथ भी गलत न करें ।

- विलियम शेक्‍सपियर

शनिवार, 4 सितंबर 2010

आज का सद़विचार ' सेवा की कीमत '

निरंहकारिता से सेवा की कीमत
बढ़ती है और अहंकार से घटती है ।

- अज्ञात

सोमवार, 30 अगस्त 2010

आज का सद़विचार ' दान '

इस विश्‍व में स्‍वर्ण, गाय और धरती का,
दान देने वाले सुलभ हैं, लेकिन प्राणियों
को अभयदान देने वाले इंसान दुर्लभ हैं ।

- भर्तृहरि

गुरुवार, 26 अगस्त 2010

आज का सद़विचार ' बीज '

असफलता का मौसम सफलता
के बीज बोने के लिए सर्वश्रेष्‍ठ
समय होता है ।


- परमहंस योगानन्‍द

बुधवार, 25 अगस्त 2010

आज का सद़विचार ' वश'

जिसने स्‍वयं को वश में कर लिया है,
संसार की कोई शक्ति उसकी विजय,
को पराजय में नहीं बदल सकती ।


- महात्‍मा बुद्ध

सोमवार, 23 अगस्त 2010

आज का सद़विचार 'बुद्धि'

बुद्धि के सिवाय विचार प्रचार का
कोई दूसरा शस्‍त्र नहीं है, क्‍योंकि
ज्ञान ही अन्‍याय को मिटा सकता है ।

- शंकराचार्य

शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

आज का सद़विचार 'प्रतिशोध'

प्रतिशोध लेते समय मनुष्‍य अपने शत्रु के
समान ही होता है, लेकिन उसकी उपेक्षा
कर देने पर वह उससे बड़ा हो जाता है ।

- फ्रांसिस बेकन

बुधवार, 18 अगस्त 2010

आज का सद़विचार तौर-तरीके

जिस तरह अच्‍छे तौर तरीके बनाए रखने के लिए
कानून जरूरी है, उसी तरह कानूनों के पालन के
लिए अच्‍छे तौर तरीके जरूरी है ।

- माक्‍यावैलि

शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

आज का सद़विचार 'समय'

समय और स्‍वास्‍थ्‍य दो बहुमूल्‍य संपत्तियां हैं,
जिनकी पहचान तथा मूल्‍य हम उस समय
तक नहीं समझते जब तक उनका नाश
नहीं हो जाता ।
डेनिस वेटले

गुरुवार, 12 अगस्त 2010

आज का सद़विचार स्‍वास्‍थ्‍य

धनवान बनने के लिये अपने स्‍वास्‍थ्‍य को
कभी भी जोखिम में न डालें, क्‍योंकि यह
सच है कि स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍त संपत्तियों में
से श्रेष्‍ठ संपत्ति है ।


- रिचर्ड बेकर

शनिवार, 7 अगस्त 2010

आज का सद़विचार ' आंसू भरी आंखे '

यदि तुम जीवन से सूर्य के जाने पर रो पड़ोगे
तो आंसू भरी आंखे सितारे कैसे देख सकेंगी ।

- रवीन्‍द्रनाथ ठाकुर

गुरुवार, 5 अगस्त 2010

आज का सद़विचार ' वैराग्‍य '

भोग में रोग का, उच्‍चा-कुल में पतन का,
मान में अपमान का, बल में शत्रु का रूप
में बुढ़ापे का और शास्‍त्र में विवाद का डर
है, भय रहित तो केवल वैराग्‍य ही है ।

- भगवान महावीर


शनिवार, 31 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' मनुष्‍यत्‍व '

इस संसार मे प्‍यार करने लायक दो,
वस्‍तुएं हैं एक दुख और दूसरा श्रम,
दुख के बिना हृदय निर्मल नही होता,
और श्रम के बिना मनुष्‍यत्‍व का विकास
नहीं होता ।


- आचार्य श्रीराम शर्मा

बुधवार, 28 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' भाग्‍य '

भाग्‍य संयोग का नहीं चयन का विषय है,
यह कोई ऐसी वस्‍तु नहीं है जिसके लिए
प्रतीक्षा की जाए, यह तो ऐसी वस्‍तु है
जिसे प्राप्‍त किया जाना चाहिए ।

- विलियम जेन्निंग्‍स ब्रायन

सोमवार, 26 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' मकसद '

ऊंची से ऊंची चोटी पर पहुंचना
मकसद हो तो अपना काम निचली
सतह से शुरू करना चाहिए ।


- स्‍वेट मार्डेन

शनिवार, 24 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' कीर्ति'

सत्‍य से कीर्ति प्राप्‍त की जाती है,
और सहयोग से मित्र बनाये जाते हैं ।

कौटिल्‍य

गुरुवार, 22 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' विनाश'

अज्ञानता और विचारहीनता
मानवता के विनाश के दो सबसे
बड़े कारण हैं ।

- जॉन टिलोटसन

शनिवार, 17 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' उत्‍पत्ति'

पुरूषार्थ से दरिद्रता का नाश होता है,
और जप से पाप का, मौन से कलह
की उत्‍पत्ति नहीं होती, और सजगता
से भय की ।


- चाणक्‍य

बुधवार, 14 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' सत्‍य '

सत्‍य से प्‍यार करें और,
गल्तियों को क्षमा कर दें ।


- वाल्‍टेयर

सोमवार, 5 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' प्रेम'

कृत्रिम प्रेम बहुत दिनों तक चल नहीं पाता,
स्‍वाभाविक प्रेम की नकल नहीं हो सकती ।

- स्‍वामी रामतीर्थ

शनिवार, 3 जुलाई 2010

आज का सद़विचार ' प्रकाश'

केवल प्रकाश का आभाव ही नहीं,
प्रकाश की अति भी मनुष्‍य की,
आंखों के लिये अंधकार है ।

- स्‍वामी रामतीर्थ

बुधवार, 30 जून 2010

आज का सद़विचार ' पीड़ा'

अपनी पीड़ा तो पशु-पक्षी भी महसूस
करते हैं, मनुष्‍य वह है जो दूसरों की
वेदना को अनुभव करे ।


- रसनिधि

शनिवार, 26 जून 2010

आज का सद़विचार ' समझदार'

जब तक शरीर स्‍वस्‍थ है, इन्द्रियों की
शक्ति क्षीण नहीं हुई तथा बुढ़ापा नहीं
आया है, तब तक समझदार को
अपने हित साध लेने चाहिए ।

- भर्तृहरि

बुधवार, 23 जून 2010

आज का सद़विचार 'विद्वता'

विद्वता अच्‍छे दिनों में आभूषण,
विपत्ति में सहायक, और बुढ़ापे में
संचित धन है ।

- हितोपदेश

मंगलवार, 22 जून 2010

आज का सद़विचार 'दुख'

जिस पर तुम्‍हारा वश नहीं, उसके
लिये दुख करना बंद कर दो ।


- शेक्‍सपियर

सोमवार, 7 जून 2010

आज का सद़विचार 'चुगलखोरी'

नेकी से विमुख हो जाना और बदी,
करना नि:संदेह बुरा है, मगर सामने
हंस कर बोलना और पीछे चुगलखोरी
करना उससे भी बुरा है ।

संत तिरूवल्‍लुवर

मंगलवार, 1 जून 2010

आज का सद़विचार 'बड़प्‍पन'

बड़प्‍पन सदैव ही दूसरों की कमजोरियों,
पर पर्दा डालना चाहता है, लेकिन ओछापन,
दूसरों की कमियों बताने के सिवा और कुछ
करना ही नहीं जानता ।

- तिरूवल्‍लुवर

शुक्रवार, 28 मई 2010

आज का सद़विचार 'मन'

मानव जिस लक्ष्‍य में मन लगा देता है,
उसे वह श्रम से हासिल कर सकता है ।

- ऋग्‍वेद

मंगलवार, 25 मई 2010

आज का सद़विचार 'नियम'

नियम के बिना और अभिमान के
साथ किया गया तप व्‍यर्थ ही होता है ।


- वेदव्‍यास

शनिवार, 22 मई 2010

आज का सद्विचार 'लोभ'

इंसान अगर लोभ को ठुकरा दे तो
बादशाह से भी ऊंचा दर्जा हासिल कर
सकता है, क्‍योंकि संतोष ही इंसान का
माथा हमेशा ऊंचा रख सकता है ।

- शेख सादी

शनिवार, 1 मई 2010

आज का सद़विचार 'चयन'

जब आप मित्रों का चयन
करते हैं तो चरित्र के स्‍थान
पर व्‍यक्तित्‍व को न चुने ।

- डब्‍ल्‍यू सोमरसेट मोघम

गुरुवार, 29 अप्रैल 2010

आज का सद़विचार 'गरीब'

सिर्फ धन कम रहने से कोई गरीब नहीं होता,
यदि कोई व्‍यक्ति धनवान है और इसकी इच्‍छाएं
ढेरों हैं तो वही सबसे गरीब है ।

- विनोबा भावे

गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

आज का सद़विचार 'मनोरंजन'

सबसे कम खर्चीला मनोरंजन होता है
श्रेष्‍ठ पुस्‍तकों के अध्‍ययन से और यह
स्‍थाई होता है ।

- जार्ज बनार्ड शॉ

बुधवार, 7 अप्रैल 2010

आज का सद़विचार 'अंत:करण'

जिस प्रकार मैले दर्पण में सूरज का
प्रतिबिम्‍ब नहीं पड़ता, उसी प्रकार
मलिन अंत:करण में ईश्‍वर के
प्रकाश का प्रतिबिम्‍ब नहीं पड़
सकता ।

मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

आज का सद़विचार 'सफलता का मूल'

हताश न होना ही सफलता
का मूल है और यही परम
सुख है ।


- वाल्‍मीकि

सोमवार, 5 अप्रैल 2010

आज का सद़विचार ''जंजीरें''

जंजीरें, जंजीरें ही हैं, चाहे वे
लोहे की हों या सोने की, वे
समान रूप से तुम्‍हें गुलाम
बनाती हैं ।

- स्‍वामी रामतीर्थ

शनिवार, 3 अप्रैल 2010

आज का सद़विचार 'शिक्षा'

जो शिक्षा मनुष्‍य को संकीर्ण और स्‍वार्थी
बना देती है, उसका मूल्‍य किसी युग में
चाहे जो रहा हो, अब नहीं है ।

- शरतचन्‍द्र चट्टोपाघ्‍याय

गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

आज का सद़विचार 'आचरण'

हम स्‍वभाव के मुताबिक सोचते हैं,
कायदे के मुताबिक बोलते हैं,
रिवाज के मुताबिक आचरण करते हैं ।

- फ्रांसिस बेकन

मंगलवार, 23 मार्च 2010

आज का सद़विचार 'घृणा'

जो मनुष्‍य अपने साथी से घृणा करता है,
वह उसी मनुष्‍य के समान हत्‍यारा है,
जिसने सचमुच हत्‍या की हो ।

- स्‍वामी रामतीर्थ

बुधवार, 17 मार्च 2010

आज का सद़विचार 'सच्‍ची प्रार्थना'

हृदय की सच्‍ची प्रार्थना से ही हमें सच्‍चे
कर्तव्‍य का पता चलता है, आखिर में
तो कर्तव्‍य करना ही प्रार्थना बन जाता है ।

- महात्‍मा गांधी

गुरुवार, 11 मार्च 2010

आज का सद़विचार 'गंभीरता'

हमें अपने आपको नहीं बल्कि अपने
उत्‍तदायित्‍व को गंभीरता से लेना चाहिए ।


- पीटर उस्‍तीनोव

शनिवार, 6 मार्च 2010

आज का सद़विचार 'परोपकार'

परोपकारी अपने कष्‍ट को नहीं देखता,
क्‍योंकि वह परकष्‍ट-जनित करूणा से
ओत-प्रोत होता है ।

संत तुकाराम

बुधवार, 24 फ़रवरी 2010

आज का सद़विचार 'अच्‍छी सरकार'

सबसे अच्‍छी सरकार वही है
जो हमें स्‍वयं अपने ऊपर
शासन करना सिखाती है ।

- गेटे

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2010

आज का सद़विचार 'बड़ा कदम'

यदि एक बड़ा कदम उठाने की आवश्‍यकता है,
तो डरे नहीं आप गहरी खाई को दो छोटे फर्लांग
लगाकर पार नहीं कर सकते ।

- डेविड लायड जार्ज

गुरुवार, 11 फ़रवरी 2010

आज का सद़विचार 'गलतियां'

अगर आप गलतियों को रोकने के लिये
दरवाजे बन्‍द करते हैं तो सत्‍य भी बाहर
ही रह जाएगा ।

- रवीन्‍द्रनाथ ठाकुर

सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

आज का सद़विचार 'अज्ञानी'

अज्ञानी आदमी के लिये खामोशी से
बढ़कर कोई चीज नहीं, और अगर
उसमें यह समझने की बुद्धि है तो
वह अज्ञानी नहीं रहेगा ।

- शेखी सादी

शुक्रवार, 5 फ़रवरी 2010

आज का सद़विचार 'गुण'

किसी के गुणों की प्रशंसा करने में,
अपना समय मत व्‍यर्थ करो उसके
गुणों को अपनाने का प्रयास करो ।


- कार्ल मार्क्‍स

गुरुवार, 4 फ़रवरी 2010

आज का सद़विचार 'महत्‍व'

महत्‍व इस बात का नहीं है आप अपने
बच्‍चों के लिये क्‍या छोड़कर जाते हैं
महत्‍व तो इस बात का है कि आप
इन्‍हें कैसा बना कर जाते हैं ।


- अज्ञात

सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

आज का सद़विचार 'आत्‍मा की भूख'

विज्ञान को विज्ञान तभी कह सकते हैं,
जब वह शरीर, मन और आत्‍मा की
भूख मिटाने की पूरी ताकत रखता हो ।


- महात्‍मा गांधी

शुक्रवार, 29 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'प्रशंसा'

जो लोग अपनी प्रशंसा के भूखे होते हैं,
वे साबित करते हैं कि उनमें योग्‍यता
नहीं है, जिनमें योग्‍यता है उनका
ध्‍यान उस ओर जाता ही नहीं है ।

- महात्‍मा गांधी

गुरुवार, 28 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'मित्रों का चयन'

जब आप अपने मित्रों का चयन करते हैं,
तो चरित्र के स्‍थान पर व्‍यक्तित्‍व को न चुने ।

- डब्‍ल्‍यू सोमरसेट मोघम

गुरुवार, 21 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'काम'

वह पुरूष धन्‍य है जो काम करने में
कभी पीछे नहीं हटता, भाग्‍यलक्ष्‍मी
उसके घर की राह पूछती हुई चली
आती है ।

- भगवान महावीर

बुधवार, 20 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'उपलब्धियां'

ऐसे सभी व्‍यक्ति जिन्‍होंने महान
उपलब्धियां हासिल की हैं, वह
महान स्‍वप्‍नदृष्‍टा भी होते हैं ।

- ओरिसन स्‍वेट मार्डन

शनिवार, 16 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'जिन्‍दगी'

जीवन वह नहीं है जिसकी आप चाहत रखते हैं,
बल्कि वह तो वैसा बन जाता है जैसा आप
इसे बनाते हैं ।

- एंथनी रयान

बुधवार, 13 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'अपराध'

दुनिया में सबसे बड़ा अपराध अपनी संभावनाओं ,
का विकास न करना है, जब आप कोई भी काम
बेहतर तरीके से करते हैं तो न केवल अपनी मदद
करते हैं बल्कि पूरी दुनिया की मदद करते हैं ।

- रोजर विलियम्‍स

मंगलवार, 12 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'हिस्‍सा'

सफलता की कामना करने वाले व्‍यक्ति
को शीर्ष पर पहुंचने की प्रक्रिया के एक
हिस्‍से के रूप में असफलता को एक
स्‍वस्‍थ, अपरिहार्य हिस्‍सा मानना चाहिए ।

- डॉ. जोएस ब्रदर्स

सोमवार, 11 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'लक्ष्‍य'

अपनी सफलता अथवा असफलता की,
संभावनाओं के आंकलन में समय नष्‍ट
न करें, केवल अपना लक्ष्‍य निर्धारित
करें और काम शुरू कर दें ।

- गुआन यिन त्‍जू

मंगलवार, 5 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'चरित्र'

अपना चरित्र उज्‍जवल होने पर भी सज्‍जन,
अपना दोष ही सामने रखते हैं, अग्नि का
तेज उज्‍जवल होने पर भी वह पहले धुंआ
ही प्रकट करता है ।

- कर्णपूर

सोमवार, 4 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'सेवा'

सेवा के लिये पैसे की जरूरत नहीं होती
जरूरत है अपना संकुचित जीवन छोड़ने
की, गरीबों से एकरूप होने की ।


- विनोबा भावे

शनिवार, 2 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'संदेश'

कठिनाईयां भगवान का संदेश होती हैं,
उनका सामना करते समय हमें भगवान
के विश्‍वास के रूप में, भगवान से अभिनंदन
के रूप में उनका सम्‍मान करना चाहिये ।

- हेनरी वार्ड बीचर

शुक्रवार, 1 जनवरी 2010

आज का सद़विचार 'आलस्‍य'

आलस्‍य मृत्‍यु के समान है, और केवल
उद्यम ही आपका जीवन है ।

- स्‍वामी रामतीर्थ


'' नववर्ष आप सभी के लिये मंगलमय हो ''