वाह... चाणक्य ने गागर में सागर भर दिया है.
बाक़ी सबसे सहमति है,सिवाए इसके कि मौन रहने से कलह नहीं होती।
अनमोल और अनुकरणीय विचार।
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....इंडिया दर्पण की ओर से आभार।
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वाह... चाणक्य ने गागर में सागर भर दिया है.
जवाब देंहटाएंबाक़ी सबसे सहमति है,सिवाए इसके कि मौन रहने से कलह नहीं होती।
जवाब देंहटाएंअनमोल और अनुकरणीय विचार।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंइंडिया दर्पण की ओर से आभार।