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शुक्रवार, 24 अगस्त 2012

आज का सद़विचार '' विवेक जीवन का नमक ''

विवेक जीवन का नमक है और कल्‍पना उसकी मिठास, 
एक जीवन को सुरक्षित रखता है और दूसरा उसे मधुर बनाता है 

- अज्ञात

5 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  2. पूर्ण रूप से जाग्रत और चैतन्य हुए बिना
    विवेक भी अपूर्ण होता है,मात्र बुद्धी होती है
    वो भी असहज .असंतुलित
    स्थिती,परिस्थिती से प्रभावित हो सकती है
    विवेक सहज और संतुलित होता है
    चाहे उसे जीवन का नमक कहो या जीवन जल ,
    जब तक सहज नहीं हो,बुद्धी से अधिक नहीं होता,
    ऐसा मेरा मानना है
    डा.राजेंद्र तेला"निरंतर"

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  3. सटीक बिंब से सार्थक संदेश……

    जवाब देंहटाएं
  4. सही है, जीवन में दोनों महत्वपूर्ण हैं।

    जवाब देंहटाएं

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