सुंदर विचार !
वाणी अगर एक बार छेद दे,तो फिर कोई धागा गांठ बनने से नहीं रोक सकता। तो या तो ऐसे लोगों की फ़िक्र की जाए जो जल्दी गांठ बना लेते हैं,या फिर इस बात की चिंता ही न की जाए कि सूई कितना चुभो रही है,जैसा कि कई दार्शनिकों-संतों ने किया है।
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सुंदर विचार !
जवाब देंहटाएंवाणी अगर एक बार छेद दे,तो फिर कोई धागा गांठ बनने से नहीं रोक सकता। तो या तो ऐसे लोगों की फ़िक्र की जाए जो जल्दी गांठ बना लेते हैं,या फिर इस बात की चिंता ही न की जाए कि सूई कितना चुभो रही है,जैसा कि कई दार्शनिकों-संतों ने किया है।
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