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मंगलवार, 9 अक्तूबर 2012

आज का सद़विचार '' छोटे बनकर रहो ''

दूब की तरह छोटे बनकर रहो, 
जब घास-पात जल जाते हैं 
तब भी दूब जस की तस बनी रहती है ..
- गुरू नानक देव

7 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक ...विचार ...
    आभार सदा जी ...!!

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  2. कथन थोड़ा गड्डमड्ड लगता है। घास-पात की जगह,विशालकाय पेड़ अथवा ऐसी ही अर्थछाया वाला कोई शब्द होना चाहिए था। अन्यथा,जब घास जलेगी,दूब का बचना मुश्किल होगा!

    जवाब देंहटाएं
  3. सार्थक ...विचार ...
    आभार सदा जी ...!!

    जवाब देंहटाएं
  4. सार्थक ...विचार ...
    आभार सदा जी ...!!

    जवाब देंहटाएं

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