सार्थक ....सुंदर बात ...!!
अहंकार का भोजन दुःख है और जहां ये दो हों वहाँ कैसा सुख..
वैभव की कामना रखना भी घातक है ,भाग्य और कर्मों से वैभव अपने आप भी मिलता है ,अहंकार कुंठा और कमज़ोर मानसिकता की अभिव्यक्ति है
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सार्थक ....सुंदर बात ...!!
जवाब देंहटाएंअहंकार का भोजन दुःख है और जहां ये दो हों वहाँ कैसा सुख..
जवाब देंहटाएंवैभव की कामना रखना भी घातक है ,भाग्य और कर्मों से वैभव अपने आप भी मिलता है ,अहंकार कुंठा और कमज़ोर मानसिकता की अभिव्यक्ति है
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