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शुक्रवार, 15 मार्च 2013

आज का सद़विचार ''सर्वश्रेष्‍ठ बनने की आशा में ''

सर्वश्रेष्ठ बनने की
आशा में जीने वाले
इर्ष्या और होड़ को
धर्म मानने वाले
समुद्र में पथ से भटके हुए
ज़हाज जैसे होते
किनारे की तलाश में
निरंतर भटकते रहते
किनारा तो मिलता नहीं
थक हार कर चुक जाते
अंत में डूब जाते

 डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
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6 टिप्‍पणियां:

यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'