सर्वश्रेष्ठ बनने की
आशा में जीने वाले
इर्ष्या और होड़ को
धर्म मानने वाले
समुद्र में पथ से भटके हुए
ज़हाज जैसे होते
किनारे की तलाश में
निरंतर भटकते रहते
किनारा तो मिलता नहीं
थक हार कर चुक जाते
अंत में डूब जाते
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
आशा में जीने वाले
इर्ष्या और होड़ को
धर्म मानने वाले
समुद्र में पथ से भटके हुए
ज़हाज जैसे होते
किनारे की तलाश में
निरंतर भटकते रहते
किनारा तो मिलता नहीं
थक हार कर चुक जाते
अंत में डूब जाते
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर
=
सटीक!!!!
जवाब देंहटाएंसर्वश्रेष्ठ बनने की आशा सदैव जाग्रत रहनी चाहिये.
जवाब देंहटाएंसुविचार..
जवाब देंहटाएंAAJ HAMARA DESH AKTA KE ABHAV MEAI KHUCH RAHA HAI OR DUSRE DESH HAMARI KAMI KI KA PURA PHAYADA UTHA RAHE HAI
जवाब देंहटाएंAAJ HAMRE DESH KO MANGAL PANDAY OR RANI LAXMI BAI JASHEE VEERO KI BAHUT JYADA JARURAT HAI
HRADESH SINGH PAYAK
TYAG HI JEEVAN KE SHACHHE SUKH KI ANUBHUTI KA SAHI MARG HAI
जवाब देंहटाएंHRADESH SINGH PAYAK
SARVSEST BANANE SE JAYADA IMPORTENT HAI DUSRO KO SARVSEST BANANA HAI
जवाब देंहटाएंHRADESH SINGH PAYAK