नाम जपन होई सुखीया || यहाँ तक कि समपुर्ण विश्व का राजा दुखी हैा सुखी केवल वही है जो मालिक के नाम के सिमरन मे मग्न हो, इससे हमे यह पता चलता है कि आनन्द का स्त्रोत सिर्फ " नाम " ही हैा जो लोग सासांरिक पदाथोँ मे सुख खोजते है, वे सबसे अधिक दुखी हैी पद प्रतिष्ठा की भुख कभी कम नही| सुख और संतोष उन्ही के भाग्य मे है जो प्रारब्ध से संतुष्ट है और गुरु द्वारा दिए गये पवित्र नाम के अभ्यास मे मग्न हैा सतनाम सदा सही
वाकई !
जवाब देंहटाएंहमारा सबसे महत्वपूर्ण मित्र धैर्य तथा शत्रु क्रोध है ,बढ़िया विचार कविता। शुक्रिया आपकी टिप्पणी का।
जवाब देंहटाएंनाम
जवाब देंहटाएंजपन होई सुखीया ||
यहाँ तक कि समपुर्ण विश्व का राजा दुखी हैा सुखी केवल वही है जो मालिक के नाम के सिमरन मे मग्न हो, इससे हमे यह पता चलता है कि आनन्द का स्त्रोत सिर्फ " नाम " ही हैा जो लोग सासांरिक पदाथोँ मे सुख खोजते है, वे सबसे अधिक दुखी हैी पद प्रतिष्ठा की भुख कभी कम नही| सुख और संतोष उन्ही के भाग्य मे है जो प्रारब्ध से संतुष्ट है और गुरु द्वारा दिए गये पवित्र नाम के अभ्यास मे मग्न हैा
सतनाम सदा सही