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सोमवार, 20 सितंबर 2010

आज का सद़विचार '' मन का गुलाम ''

जो मनुष्‍य अपने मन का गुलाम
बना रहता है वह कभी नेता और
प्रभावशाली पुरूष नहीं हो सकता ।

- स्‍वेट मार्डन

4 टिप्‍पणियां:

  1. गुलाम तो किसी का भी हो कुछ नहीं कर सकेगा...सफलता गुलामी में नहीं बल्कि मास्टर बनने में है

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  2. सटीक, सार्थक और अतिउत्तम विचार! बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
    समझ का फेर, राजभाषा हिन्दी पर संगीता स्वरूप की लघुकथा, पधारें

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  3. बिल्कुल सही! सुन्दर और सठिक विचार!

    जवाब देंहटाएं

यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'