wah.uchch vichar.
सुन्दरक्या सच में तुम हो???---मिथिलेश
सच कहा , जब मन में संताप होता है तो सहानुभूति के मिले दो बोल ही सबसे बड़ा मरहम होते हैं।
सहानभूति के शब्द कभी 'ऋण'भी हो सकते हैं ऐसा उन शब्दों का वक्ता कभी नहीं विचारता.वर्ना सहानभूति ,सहानभूति न रहकर अहसान बनकर रह जायेगी .दिल से आभार मानना ही शायद इस ऋण की अदायिगी है .आपका 'मनसा वाचा कर्मणा' पर हार्दिक स्वागत है .
बहुत उच्च विचार...
सही कहा आपने.....
बिल्कुल सही.
बहुत उच्च विचार| धन्यवाद|
सच्चाई को वयां करती हुई पोस्ट .......आभार.
सुंदर विचार, सोलह आने सत्य।
सद्विचार पर प्रकाशित सभी विचार सद् ही लगे। आभार।
sabhi vichar bhaut ache lage
यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'
wah.uchch vichar.
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंक्या सच में तुम हो???---मिथिलेश
सच कहा , जब मन में संताप होता है तो सहानुभूति के मिले दो बोल ही सबसे बड़ा मरहम होते हैं।
जवाब देंहटाएंसहानभूति के शब्द कभी 'ऋण'भी हो सकते हैं ऐसा उन शब्दों का वक्ता कभी नहीं विचारता.वर्ना सहानभूति ,सहानभूति न रहकर अहसान बनकर रह जायेगी .दिल से आभार मानना ही शायद इस ऋण की अदायिगी है .
जवाब देंहटाएंआपका 'मनसा वाचा कर्मणा' पर हार्दिक स्वागत है .
बहुत उच्च विचार...
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने.....
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही.
जवाब देंहटाएंबहुत उच्च विचार| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंसच्चाई को वयां करती हुई पोस्ट .......आभार.
जवाब देंहटाएंसुंदर विचार, सोलह आने सत्य।
जवाब देंहटाएंसद्विचार पर प्रकाशित सभी विचार सद् ही लगे। आभार।
जवाब देंहटाएंsabhi vichar bhaut ache lage
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