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गुरुवार, 5 मई 2011

आज का सद़विचार '' मित्रों के रूप में नहीं ''

मृत्‍यु और विनाश बिना बुलाए ही
आया करते हैं क्‍योंकि ये हमारे
मित्रों के रूप में नहीं शत्रुओं के
रूप में आते हैं ..........।


- भगवतीचरण वर्मा

6 टिप्‍पणियां:

  1. सच बात है .
    सद्विचार के लिए आभार ..!!

    जवाब देंहटाएं
  2. शत्रु अनपेक्षित ही होते है। सार्थक विचार!!

    शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  3. मृत्यु और विनाश शत्रु तो हैं पर आवश्यक शत्रु...

    जवाब देंहटाएं
  4. एक महान हिन्दी के उपन्यासकार का सुंदर विचार पढ़वाने के लिए आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. सही कहा है आपने !बिल्कुल सटीक !

    जवाब देंहटाएं

यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'