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शुक्रवार, 22 जुलाई 2011

आज का सद़विचार '' विनाश कुछ ही पलों में ''

प्रकृति का तमाशा भी खूब है,
सृजन में समय लगता है ...
जबकि विनाश कुछ ही पलों में हो जाता है ....।


- जकिया जुबैरी

7 टिप्‍पणियां:

  1. नाने में जितना वक़्त लगता है उसे बिगाड़ने में कुछ क्षण लगता है! सटीक कहा है आपने!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं

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