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सोमवार, 9 जनवरी 2012

आज का सद़विचार '' निखरता है ''

कष्‍ट पड़ने पर भी साधु पुरूष मलिन नहीं होते जैसे 
सोने को जितना तपाया जाता है वह उतना ही निखरता है ... 

- कबीर




7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही उत्तम विचार हैं ...

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  2. kashton kaa samaadhaan nahee hone se vyakti kee sahan shakti badhtee hai

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  3. आपके पोस्ट पर आकर का विचरण करना बड़ा ही आनंददायक लगता है । सदविचार अच्छा लगा । मेरे नए पोस्ट "लेखनी को थाम सकी इसलिए लेखन ने मुझे थामा": पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद। .

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  4. बहुत प्रेरणात्मक विचार!

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  5. बहुत खुबसूरत विचार
    मगर आज कल साधू भी वक़्त के साथ बड़ा गए , कबीर ने
    कभी सोचा भी नहीं होगा साधू के भेष में "नित्यानंद" जैसे भी पैदा होंगे

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यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'