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बुधवार, 1 फ़रवरी 2012

आज का सद़विचार '' सद़गुण ''

सद़गुण चीथड़ों में भी 
उतना ही शोभायमान होता है 
जितना भव्‍य वेशभूषा में ...

चार्ल्‍स डिकेंस

8 टिप्‍पणियां:

  1. सदगुण सदा ही शोभायमान है...बहुत सुंदर वचन !

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  2. हां,गुण भीतर होता है। बाहरी आवरण से वह अप्रभावित रहता है।

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  3. बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  4. सद्गुण तो सदैव सद्गुण ही रहेगा।
    सुंदर विचार।

    जवाब देंहटाएं

यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'