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शनिवार, 4 मई 2013

आज का सद़विचार '' सुकर्म बेटियों की तरह ''

गुनाह तो जनसंख्या की तरह बढ़ते हैं और सुकर्म बेटियों की तरह 
कभी भी कहीं भी ख़त्म कर दिए जाते हैं .... 
क्या हिसाब ! और क्या किताब !

- रश्मि प्रभा 

3 टिप्‍पणियां:

यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'