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गुरुवार, 5 नवंबर 2009

आज का सद़विचार 'आंतरिक दुर्बलता'

व्‍यक्ति को हानि, पीड़ा और चिंताएं,
उसकी किसी आंतरिक दुर्बलता के
कारण होती है, उस दुर्बलता को दूर
करके कामयाबी मिल सकती है ।

- स्‍वामी रामतीर्थ

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