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शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

आज का सद़विचार 'प्रतिशोध'

प्रतिशोध लेते समय मनुष्‍य अपने शत्रु के
समान ही होता है, लेकिन उसकी उपेक्षा
कर देने पर वह उससे बड़ा हो जाता है ।

- फ्रांसिस बेकन

3 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तम विचार!

    राष्ट्र की एकता को यदि बनाकर रखा जा सकता है तो उसका माध्यम हिन्दी ही हो सकती है।

    जवाब देंहटाएं
  2. बिल्कुल सही कहा है आपने! बहुत ही उत्तम विचार!

    जवाब देंहटाएं

यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'