तभी तो हम मित्र कहलाने लायक हैं और मित्रता को कायम रख सकतेहैं
बिल्कुल सही कहा है आपने! तभी तो हम मित्रता बनाये रख सकते हैं! दुःख सुख में मित्र के साथ होना चाहिए खासकर दुःख और मुश्किल घड़ी में मित्र की सहायता करनी चाहिए!
bahut bahut dhanyawad aapka ... :) aapki sadvichar shrinkhla sarahniya hai..
बहुत सुन्दर सार्थक स्प्सूत्र है। धन्यवाद।
एक आदर्श मित्र के गुण बताये आपने। सार्थक सुन्दर विचार के लिए आभार।
सदा जी,बहुत ही सार्थक,सुन्दर, सारगर्भित विचारों का गुलदस्ता है आपका ब्लॉग !आपके ब्लॉग पर आकर धन्य हुआ.!-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
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तभी तो हम मित्र कहलाने लायक हैं और मित्रता को कायम रख सकतेहैं
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा है आपने! तभी तो हम मित्रता बनाये रख सकते हैं! दुःख सुख में मित्र के साथ होना चाहिए खासकर दुःख और मुश्किल घड़ी में मित्र की सहायता करनी चाहिए!
जवाब देंहटाएंbahut bahut dhanyawad aapka ... :) aapki sadvichar shrinkhla sarahniya hai..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सार्थक स्प्सूत्र है। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंएक आदर्श मित्र के गुण बताये आपने। सार्थक सुन्दर विचार के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंसदा जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक,सुन्दर, सारगर्भित विचारों का गुलदस्ता है आपका ब्लॉग !
आपके ब्लॉग पर आकर धन्य हुआ.!
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ