sahi batsundar vichar
आपकी टिपण्णी के लिए शुक्रिया!बहुत बढ़िया! सही विचार! मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
अहंकार से बड़ा कोई दोष नहीं।
अहंकार मेरा हो कि तेरा,त्याज्य है।
सचमुच सारे विवाद की जड़ अहंकारों का टकराव है !
अहंकार ही तो मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है .
बहुत ही सुंदर विचार, आभार।---------दिल्ली के दिलवाले ब्लॉगर।
जो " मै " से भरे हैं ,वे ईश्वर को नहीं जान सकते !उन्हें जानने की पहली शर्त खुद को खोना है !!सुंदर विचार !
यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'
sahi bat
जवाब देंहटाएंsundar vichar
आपकी टिपण्णी के लिए शुक्रिया!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया! सही विचार!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
अहंकार से बड़ा कोई दोष नहीं।
जवाब देंहटाएंअहंकार मेरा हो कि तेरा,त्याज्य है।
जवाब देंहटाएंसचमुच सारे विवाद की जड़ अहंकारों का टकराव है !
जवाब देंहटाएंअहंकार ही तो मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है .
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर विचार, आभार।
जवाब देंहटाएं---------
दिल्ली के दिलवाले ब्लॉगर।
जो " मै " से भरे हैं ,वे ईश्वर को नहीं जान सकते !
जवाब देंहटाएंउन्हें जानने की पहली शर्त खुद को खोना है !!
सुंदर विचार !