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गुरुवार, 16 दिसंबर 2010

आज का सद़विचार '' मर्यादा ''

जिस बंदे को पेट भर रोटी
नहीं मिलती, उसके लिए
मर्यादा और इज्‍जत ढोंग है ।

- प्रेमचंद

4 टिप्‍पणियां:

  1. होंसला मत हार गिर कर ओ मुसाफिर
    धूप निकली है तो बारिश भी यही पर होगी

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  2. भूखे रहकर भी मर्यादा पाली जा सकती है .

    जवाब देंहटाएं
  3. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  4. वह ढोंग नहिं है। इसका अर्थ तो यह हुआ कि अभावग्रस्त को मर्यादा त्याग देनी चाहिए।
    जबकि अधिक मामलों में मर्यादा और इज्‍जत का पालन इसी वर्ग द्वारा किया जाता है।

    जवाब देंहटाएं

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