सत्य!! दुख को महसुस किए बिना सुख की अनिवार्यता कैसे निश्चित होगी।
सुख दुःख की तरह सफलता और विपत्ति सिक्के के दो पहलु हैं! बहुत सुन्दर और सटीक लिखा है आपने !मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-http://seawave-babli.blogspot.com
विपत्ति में ही मनुष्य के गुणों की सही पहचान होती है ..
बहुत सुन्दर .
सत्य वचन ! आभार!
excellent
विपत्ति हमें तस्वीर का दूसरा पहलू भी दिखाती है ...........। very appealing thought indeed !.
saty .
यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'
सत्य!! दुख को महसुस किए बिना सुख की अनिवार्यता कैसे निश्चित होगी।
जवाब देंहटाएंसुख दुःख की तरह सफलता और विपत्ति सिक्के के दो पहलु हैं! बहुत सुन्दर और सटीक लिखा है आपने !
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com
विपत्ति में ही मनुष्य के गुणों की सही पहचान होती है ..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर .
जवाब देंहटाएंसत्य वचन ! आभार!
जवाब देंहटाएंexcellent
जवाब देंहटाएंविपत्ति हमें तस्वीर का दूसरा
जवाब देंहटाएंपहलू भी दिखाती है ...........।
very appealing thought indeed !
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saty .
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