sahi baat ...!!
सटीक कथन
स्वार्थी होना अच्छा है। पहले अपने से जी भरे,तभी दूसरों के लिए बगैर देने का भाव लाए कुछ किया जा सकता है। अन्यथा,परमार्थ की बात थोथी है,दिखावा है।आज तो देश को सारा ख़तरा जानकारों से ही दिखता है। मूर्ख बेचारा तो receiving end पर है!
sahee kathan
और विडंबना देखिए, भारत में तीनों की कमी नहीं है।सुंदर विचार।
पर देश आज भी उन्हीं लोगों के इर्द गिर्द घूम रहा है
यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'
sahi baat ...!!
जवाब देंहटाएंसटीक कथन
जवाब देंहटाएंस्वार्थी होना अच्छा है। पहले अपने से जी भरे,तभी दूसरों के लिए बगैर देने का भाव लाए कुछ किया जा सकता है। अन्यथा,परमार्थ की बात थोथी है,दिखावा है।
जवाब देंहटाएंआज तो देश को सारा ख़तरा जानकारों से ही दिखता है। मूर्ख बेचारा तो receiving end पर है!
sahee kathan
जवाब देंहटाएंऔर विडंबना देखिए, भारत में तीनों की कमी नहीं है।
जवाब देंहटाएंसुंदर विचार।
पर देश आज भी उन्हीं लोगों के इर्द गिर्द घूम रहा है
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