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बुधवार, 20 जून 2012

आज का सद़विचार '' नियम के अधीन ''

जीवन को नियम के अधीन कर देना ही, 
आलस्‍य पर विजय पाना है .... 

- स्‍वामी विवेकानन्‍द

 

5 टिप्‍पणियां:

  1. क्या आपने कभी आलस्य के आनंद का अनुभव नहीं किया?

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    1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

      हटाएं
    2. ALAS MAIN ANAND NAHI HOTA,,KYA AAPNE KABHI SATVGUN KE AANAND KA ANUBHAV KIYA HAI?

      हटाएं
  2. आलस्य का आनंद बाद में भीषण दुःख लाता है...

    जवाब देंहटाएं
  3. सत्य है, अनुशासन में ही पुरूषार्थ है।

    जवाब देंहटाएं

यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'