अतिसुन्दर!! वैसे भी शत्रु मित्र का संज्ञान होते ही विपत्ति थोडे समय ही रहती है।सदा जी, 'सद्विचार' का आपका यह अविरत प्रयास स्तुत्य है।
सुंदर विचार !
सुना है,न कोई स्थायी शत्रु होता है,न मित्र!
Very nice post.....Aabhar!Mere blog pr padhare.
बहुत बढ़िया:-)
जीवन में उपयोगी विचार।रहिमन विपदा हू भली, जो थारे दिन होय,हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय।
अच्छा सदविचार। मेरे नए पोस्ट "अतीत से वर्तमान तक का सफर पर" आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'
अतिसुन्दर!! वैसे भी शत्रु मित्र का संज्ञान होते ही विपत्ति थोडे समय ही रहती है।
जवाब देंहटाएंसदा जी, 'सद्विचार' का आपका यह अविरत प्रयास स्तुत्य है।
सुंदर विचार !
जवाब देंहटाएंसुना है,न कोई स्थायी शत्रु होता है,न मित्र!
जवाब देंहटाएंVery nice post.....
जवाब देंहटाएंAabhar!
Mere blog pr padhare.
बहुत बढ़िया:-)
जवाब देंहटाएंजीवन में उपयोगी विचार।
जवाब देंहटाएंरहिमन विपदा हू भली, जो थारे दिन होय,
हित अनहित या जगत में, जानि परत सब कोय।
अच्छा सदविचार। मेरे नए पोस्ट "अतीत से वर्तमान तक का सफर पर" आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
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