विपत्ती के समय में इंसान विवेक खो देता है ,
स्वभाव में क्रोध और चिडचिडापन आ जाता है.
बेसब्री में
सही निर्णय लेना व् उचित व्यवहार असंभव हो जाता है.
लोग व्यवहार से खिन्न होते हैं ,नहीं चाहते हुए भी
समस्याएं सुलझने की बजाए उलझ जाती हैं
जिस तरह मिट्टी युक्त गन्दला पानी
अगर बर्तन में कुछ देर रखा जाए तो
मिट्टी और गंद पैंदे में नीचे बैठ जाती है ,
उसी तरह विपत्ती के समय शांत रहने और सब्र रखने में ही भलाई है.
धीरे धीरे समस्याएं सुलझने लगेंगी
एक शांत मष्तिष्क ही सही फैसले आर उचित व्यवहार कर सकता है.
आज का सद़विचार ब्लॉग जगत से ...
बहुत ही सुन्दर, क्रोधी व्यक्तियों के लिए और भी महत्वपूर्ण सदविचार .
जवाब देंहटाएंएकदम सही .....!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया, महत्वपूर्ण और सटीक विचार!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/