Click here for Myspace Layouts

फ़ॉलोअर

शनिवार, 23 जुलाई 2011

आज का सद़विचार '' अपने दोष ''

दूसरों के दोष देखने और ढूंढने की तीव्रेच्‍छा,
इतनी गाढ़ हो जाती है कि अपने दोष देखने
का वक्‍त ही नहीं मिलता .......

- हंसराज सुज्ञ

आज का सद़विचार ब्‍लॉग जगत से ...............





6 टिप्‍पणियां:

  1. यह विचार यदि सभी लोगों तक पहुँच जाये और सब लोग यदि अमल करने लग जाये तो यह धरती तो स्वर्ग ही बन जाये.

    जवाब देंहटाएं
  2. दूसरों में भलाई और सदगुण देखना ही जीवन की सार्थकता है .. इस से खुद में भी अच्छाई पनपती है..और जीवन में खुशिया आती हैं ... नहीं तो ऐसे दुर्गुण ढूंढने वाले व्यक्ति जीवन भर कुडकुडाते रह जाते हैं ...सादर

    जवाब देंहटाएं

यह सद़विचार आपको कैसा लगा अपने विचारों से जरूर अवगत करायें आभार के साथ 'सदा'