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गुरुवार, 29 मार्च 2012

आज का सद़विचार '' क्रोध में कुछ पल ''

प्रेम में व्‍यक्ति हर पल, हर क्षण, चौबिस घंटे रह सकता है, 
लेकिन क्रोध में कुछ पल से ज्‍यादा नहीं रह सकता ... 

- स्‍वामी अवधेशानंद गिरी

3 टिप्‍पणियां:

  1. सार्थक कथन ....जितनी जल्दी क्रोध शांत हो उतना अच्छा है ...!!

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  2. शीतलता लम्बे समय तक सही जा सकती है, ताप घड़ी भर का भी असह्य होता है।
    शानदार सुविचार प्रस्तुति

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